Monday, September 27, 2010

राष्ट्र मंडल खेल में अबतक जो हुआ ठीक नहीं हुआ। न तो उसमें गवर्नमेंट की भूमिका सही थी, और न हीं आयोजन समिति की। मीडिया की भूमिका के बारे में तो पूछिये ही मत। रोल चाहे किसी की बदनामी तो देश की हुई। ये वही देश है जिसमें राष्ट्र मंडल खेल के आयोजक रहते है, गवर्नमेंट चलने वाले लोग रहते है, मीडिया वाले पता नहीं कहाँ रहते है। गेम की तयारी जब चल रही थी तब मीडिया ने आयोजन समिति को आगाह क्यों नहीं किया? क्या मीडिया का कम टीआरपी बटोरना रह गया है। वे यह कैसे भूल जाते है की आज भी लोग सबसे ज्यादा मीडिया पर विश्वास करते है। जब अवेयर नहीं किया तो निगेटिव न्यूज़ का क्या मतलब है। यदि निगेटिव न्यूज़ ही चलाना है पूरी मीडिया एक क्यों नहीं है। सभी ने मिलकर इसे कन्फ्यूज़ कर दिया है। इसमें भी तो बड़ा खेल है।